साल 2021 में शुक्र और गुरु तारा कब से कब तक रहेंगे अस्त, इस बीच क्या हो सकेंगी शादियां ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियों का विचार किया जाता है। शुक्र और गुरु तारा की स्थिति को देखकर विवाह मुहूर्त निश्चित किए जाते हैं। अगर ये दोनों तारे अस्त होते हैं तो उस स्थिति में मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं निकल पाता है। दोनों के उदय होने पर ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। साल 2021 में गुरु और शुक्र तारा के अस्त होने की अवधि थोड़ी लंबी है इसलिए नए साल में कम विवाह मुहूर्त हैं।
1. गुरु तारा के अस्त होने की अवधि :-
गुरु तारा का विवाह योग के लिए उदय होना जरूरी माना जाता है। लेकिन पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी 19 जनवरी 2021 से गुरु तारा अस्त हो रहा है जो माघ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी 13 फरवरी 2021 को उदित होगा। गुरु तारा अस्त की यह अवधि विवाह योग में बाधा डाल रही है।
2. शुक्र तारा के अस्तोदय की अवधि :-
जिस प्रकार गुरु तारा का उदय मांगलिक कार्यो के लिए महत्वपूर्ण है, उसी तरह शुक्र तारा का उदय भी सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों के महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसाल नए साल में शुक्र तारा माघ शुक्ल तृतीया यानी 14 फरवरी 2021 से अस्त हो रहा है जो चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी 19 अप्रैल 2021 को उदित होगा।
3. 2021 के मांगलिक कार्यों में बाधा :-
नए साल में 14 जनवरी तक खरमास होने की वजह से मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे। 17 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक गुरु तारा अस्त होने की वजह से समय अशुद्ध रहेगा। वहीं 14 फरवरी से 18 अप्रैल 2021 तक शुक्र तारा अस्त होने की वजह से मांगलिक कार्यों के लिए समय अशुद्ध रहने वाला है। इसके अलावा 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा और 22 मार्च से 28 मार्च तक होलाष्टक के कारण मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे।
4. साल 2021 में तारे में शादी के मुहूर्त :-
साल 2021 में वसंत पंचमी 16 फरवरी को है। सूरज सप्तमी 18 फरवरी (रात्रि लग्न के लिए) एवं 19 फरवरी (दिवा लग्न के लिए) को है। फुलेरा दूज 15 मार्च को है। शास्त्रों में इन्हें शादी जैसे मांगलिक कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इस कारण इस दिन विवाह का योग बन रहा है। तारा होते हुए भी इन तीनों मुहूर्त्तों में विवाह कार्य किया जा सकता है।