Question Horoscope / प्रश्न कुण्डली
प्रश्न कुण्डली क्या है ?
प्रश्न कुण्डली तात्कालिक समय के गोचर का नक्शा मात्र है। अचानक से बैठे बैठे मन में किसी इच्छा का जन्म हुआ, इस इच्छा की इच्छा का भविष्य क्या होगा. यह पूरी होगी या नहीं ? इस प्रकार की किसी भी समस्या का समाधान करने के लिये विशेष रूप से प्रश्न कुण्डली का प्रयोग किया जाता है। जिस समय किसी व्यक्ति के मन में कोई जिज्ञासा जागती है उसी समय को लेकर बनाई गई कुण्डली को प्रश्न कुण्डली का नाम दिया जाता है। प्रश्न कुण्डली को कार्यसिद्धि का नाम भी दिया जा सकता है। दैनिक जीवन में अनेक ऎसी घटनाएं होती है, जिन्हें जन्म कुण्डली से जानना संभव नहीं हो पाता है। इसका समाधान प्रश्न कुण्डली से किया जा सकता है।
प्रश्न कुण्डली की विशेषता
प्रश्न कुण्डली की यह विशेषता है कि इस कुण्डली के लिये जन्म समय की जानकारी होना आवश्यक नहीं है। इसके रहते जन्म समय में त्रुटियां या लग्न निर्धारण में कोई दुविधा नहीं होती है। इसलिये इसके लग्न का निर्धारण सरलता से हो जाता है। इसके अतिरिक्त इस में गोचर व दशा भी लगानी नहीं पडती है। सामान्यता: प्रश्न कुण्डली की आयु वार्षिक मानी गई है। प्रश्न कुण्डली में लग्न समय निश्चित होता है।
प्रश्न कुण्डली किस प्रकार काम करती है ?
प्रश्न कुण्डली में कार्य भाव और कार्येश की भूमिका अहम होती है। कार्य से यहां अर्थ उस विचार या इच्छा से है जिसके लिये प्रश्न कुण्डली का निर्माण किया गया है। जैसे: अगर कोई व्यक्ति यह जानना चाहता है कि क्या वह यात्रा करेगा. तो इस स्थिति में कार्यभाव तृ्तीय भाव हो गया। अब कार्येश को समझते है, कार्येश से अभिप्राय कुण्डली के उस भाव से है। जिससे संबन्धित प्रश्न किया गया है। इस प्रश्न में यात्रा के विषय में कहा गया है तो तृ्तीय भाव का स्वामी कार्येश हो गया। इस प्रकार प्रश्न कुण्डली में कार्य भाव और कार्येश का संबन्ध प्रश्न की सफलता दर्शाता है। इसी तरह प्रश्न कुण्डली में लग्न भाव सदैव प्रश्न कर्ता का प्रतिनिधित्व करता है। सप्तम भाव वह व्यक्ति या विषय वस्तु है, जिससे संबन्धित प्रश्न किया गया है। उस व्यक्ति की स्थिति को समझने के लिये सांतवें घर का विश्लेषण किया जाता है।
प्रश्न कुण्डली से व्यक्ति की चिन्ता की जानकारी प्राप्त करना
प्रश्न कर्ता की चिन्ताओं की जानकारी चन्द्रमा से देखी जा सकती है। प्रश्न कुण्डली में लग्न भाव में बली चन्द्र की स्थिति निवास चिन्ता, दूसरे भाव में धन, तीसरे भाव में घर से दूर रहने की चिन्ता, चौथे भाव में मकान/ पानी से संबधित परेशानी, पांचवे भाव में संतान, छठे भाव में ऋण, सांतवेंभाव में विवाह या साझेदारी, आंठवें भाव में पैतृक संम्पति में या अप्रयाशित लाभ, नवम भाव में चन्द्र लम्बी दूरी की यात्रा, दशम भाव में आजीविका, एकादश भाव में आय वृ्द्धि / पदोन्नति, द्वादश भाव में बली चन्द्र विदेश यात्रा से जुडी चिन्ताएं होने का संकेत देता है।