Match Making / कुण्डली मिलान

कुंडली मिलान (Kundli Milan)

विवाह से पूर्व कुंडली मिलान करते समय आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि “शादी-विवाह दो गुड्डे-गुड़ियों का खेल नहीं है”। मनुष्य के जीवन में शादी एक बार ही होती है, इसीलिए लोग चाहते हैं उनकी ज़िन्दगी में जो जीवनसाथी आए वह सर्वगुण संपन्न हो। विवाह दो लोगों के बीच का एक संबंध है जो आने वाले 7 जन्मों तक उन्हें एक दूसरे के साथ जोड़ देता है। शादी चाहे लव हो या अरेंज, हमेशा कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनके पूरा होने के बाद ही शादी कराई जाती है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण होता है कुंडली मिलान। हमारे बड़े-बुज़ुर्गों और कुछ अनुभवी लोगों के अनुसार शादीशुदा ज़िन्दगी खुशहाल रहे इसके लिए विवाह से पूर्व कुंडली मिलान बेहद जरुरी है।

 

क्या है कुंडली मिलान ?

पुराने समय में ऋषि-मुनियों ने अपनी दूरदर्शिता और ज्ञान का उपयोग कर समाज के लिए सारे नियम बनाएं। इनमें से एक नियम है कुंडली मिलान। हमारी हिन्दू संस्कृति में शादी का बहुत महत्व है। आध्यात्मिक ग्रंथों के अनुसार कुंडली मिलान सुखद शादीशुदा जीवन का एक मार्ग बताया गया है। कुंडली मिलान भावी दूल्हा-दुल्हन की अनुकूलता और उनके सुखी व समृद्ध भविष्य को जानने का एक तरीका है। देखा जाए तो किसी भी व्यक्ति के विवाह के लिए कुंडली मिलान बेहद जरूरी होता है। यह एक प्रारंभिक कदम है जो वर-वधु के परिवार जनों द्वारा उठाया जाता है। कुछ लोगों का यह मानना है कि कुंडली मिलान के बिना एक अच्छे जीवन साथी की तलाश पूरी नहीं होती।

यह न केवल जोड़ी और शादी की अनुकूलता के बारे में बताता है बल्कि विवाह के बंधन में बंधने वाले दो अलग-अलग लोगों की आध्यात्मिक, शारीरिक और भावनात्मक अनुकूलता के बारे में भी जानकारी देता है। कुंडली मिलान से आप रिश्ते की स्थिरता और लम्बे उम्र की जानकारी गहराई से प्राप्त कर पाते हैं।

 

गुण मिलान का वास्तविक अर्थ

कुंडली मिलान में सबसे पहला कार्य गुण मिलान का होता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में आठ तरह के गुणों और अष्टकूट का मिलान किया जाता है। शादी में गुण मिलान बेहद आवश्यक होता है। ये गुण है – वर्ण, वश्य, तारा, योनि, गृह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी । इन सब के मिलान के बाद कुल 36 अंक होते है। विवाह के समय यदि वर-वधु दोनों की कुंडली में 36 में से 18 गुण मिलते हैं तो यह माना जाता है कि शादी सफल रहेगी। ये 18 गुण स्वास्थ, दोष, प्रवृति, मानसिक स्थिति, संतान आदि से सम्बंधित होते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी के लिए कितने गुण मिलना शुभ होता है और कितने अशुभ -

18 या इससे कम गुण मिलने पर ज्योतिष की गणना के अनुसार 18 या इससे कम गुण मिलने पर ज्यादातर विवाह के असफल होने की संभावना होती है।
18-24 गुण मिलने पर - कुंडली मिलान में 18-24 गुण मिलने पर विवाह सफल तो होगी लेकिन इसमें समस्याएं आने की संभावना ज्यादा होती है।
24-32 गुण मिलने पर गुण मिलान में 24-32 गुण मिलने पर वैवाहिक जीवन के सफल होने की संभावना होती है।
32 से 36 गुण मिलने पर ज्योतिष के अनुसार इस तरह की शादी बहुत ही शुभ माने जाते हैं और इनमें ज्यादा समस्याएं उत्पन्न नहीं होती।

आपको बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सफल शादी के लिए 36 में से 18 गुणों का मिलना अनिवार्य होता है।

 

विवाह के लिए कुंडली मिलान क्यों है जरूरी ?

हमारे समाज में हर तरह के लोग होते हैं कुछ जो आज की इस आधुनिक युग का हिस्सा हैं और उनके तौर तरीकों में पूरी तरह ढले हुए हैं तो वहीँ कुछ ऐसे भी हैं जो आधुनिक होने के साथ-साथ पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं को मानते हैं। हम सब जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र एक विज्ञान है. यह हमारी कुंडली मैं मौजूद ग्रहों, गुणों आदि की मदद से यह बताता है कि हमारा आने वाला भविष्य कैसा होगा ?

विवाह में कुंडली मिलान एक गणना जो हमें यह बताता है कि लड़का-लड़की के नक्षत्र और ग्रह आदि एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं या नहीं। यदि लड़का और लड़की दोनों के नक्षत्र और गुण अनुकूल होते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है, लेकिन वहीँ अगर दोनों के नक्षत्र प्रतिकूल होते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन कष्टमय और क्लेश भरा गुजरता है। जो लोग ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास नहीं करते हैं उनका मानना होता है कि विवाह के लिए कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी एक दूसरे के प्रति स्नेह, आपसी समझ और विश्वास की होती है।

 

कुंडली मिलान कैसे करें ?

आप शादी से पहले किसी ज्योतिष की मदद से कुंडली मिलान करवा सकते हैं। इसके लिए आपको वर-वधु का नाम, उनकी जन्म की तिथि, जन्मस्थान और जन्म का समय ज्योतिष को बताना होगा। ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत आपकी जन्म से जुड़ी हुई जानकरी जैसे तिथि, समय और स्थान की मदद से कुंडली बनते हैं। विवाह के समय वर वधु दोनों की कुंडलियों का अध्ययन करने के बाद यह पता लगाया जाता है कि उनका आने वाला जीवन कैसा रहेगा।

ध्यान रहे कि शादी एक जीवन भर का संबंध है तो किसी भी धोखेबाज़ों और राह चलते पंडितों के चक्कर में न पड़ें। हमेशा किसी सिद्ध ज्योतिषी की मदद से लड़का-लड़की का गुण मिलान करवाएँ। कुंडली मिलान के लिए आपके पास जन्म से जुड़ी हुई जानकरी जैसे तिथि, समय और स्थान होना आवश्यक होता है। जन्म दिनांक से कुंडली मिलान बहुत ही आसान हो जाता है।


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