जानिये कब ख़त्म होगा कोरोना ?
Dr. Rajkumar Sharma Astro
https://www.facebook.com/Dr.RajkumarAstro/
https://www.shrigangajyotish.com
पिछली 18/03/2020 की पोस्ट “ कोरोना और ग्रहयोग “ के अनुसार आइए विश्लेषण करते हैं कि कोरोना का प्रभाव कब तक रहेगा ...........
आजकल (इस समय) राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में गोचर कर रहे हैं, जो स्वतंत्र भारत की कुंडली का दूसरा घर और आम इंसान के मुंह और नाक का भी घर है। इस घर में चंद्र उच्च के और बृहस्पति कारक ग्रह हैं।
शनि अपनी मकर राशि में हैं और ये हमारी ऑक्सीजन को प्रभावित करते हैं जिसका कारक ग्रह बृहस्पति है। चूंकि सांस, नाक के जरिए ही ली जाती है और ऑक्सीजन शरीर तक पहुंचकर जीवन प्रदान करती है। कोरोना वायरस का यह हमला वायु या सांस के जरिए मानव शरीर में पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहा है जिसके कारण उसे जीवन तक से हाथ धोना पड़ रहा है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कोई भी वायरस राहु और शनि से प्रभावित होता है, जो ऑक्सीजन को दूषित करके हवा को विषैला बनाते हैं। राहु का संबंध धुएं और आसमान दोनों से है। ऐसे ही कोई भी वायरस हवा में कहीं भी पहुंच जाता है। शनि हवा में पैदा हुए कण हैं, जो इसको फैलाने में मदद करते हैं।
पूरे ब्रह्मांड की ऑक्सीजन पर बृहस्पति का स्वामित्व स्थापित है। ऑक्सीजन बारिश के कारण पैदा होती है जिससे पेड़-पौधे फलते-फूलते हैं और स्वच्छ वायु देते हैं जिसका कारक ग्रह चंद्र है।
वर्तमान समय में भारत पर कोरोना वायरस का असर शुरू हो चुका है। चंद्र और बृहस्पति दोनों ग्रह उत्तर दिशा को केंद्रित करते हैं। भारत में इसका असर उत्तरी भारत में ज्यादा होगा, जैसे कि दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर आदि में होली के बाद इसका असर शुरू होने की आशंका बनती है।
दिन के बजाय रात में कोरोना वायरस का असर ज्यादा रहेगा, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी का मौसम बढ़ेगा तो इसके प्रभाव में कटौती होनी शुरू हो जाएगी। “आगामी 13 अप्रैल 2020 से सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे तो कोरोना वायरस का अंत शुरू होगा।” इसके लिए हर व्यक्ति को अपना चंद्र और बृहस्पति शुभ स्थिति में रखने की आवश्यकता है।
ज्योतिष में केतु को इस तरह के रोगों का कारक ग्रह माना जाता है। इनकी रोकथाम एवं उपाय मुश्किल एवं परेशानी वाले होते हैं। “किंतु आगामी 22 अप्रैल 2020 से बन रही ग्रह नक्षत्रों की स्थिति अनुसार कोरोना वायरस से धीरे-धीरे राहत मिलने लगेगी।” यह सत्य भी सर्वविदित है कि जब मौसम का संक्रांतिकाल होता है, तब रोग एवं महामारियों के फैलने की आशंका अधिक होती है।
“14 मई 2020 को जब वक्री देवगुरु बृहस्पति का आगमन मकर राशि में होगा, तक यह बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त होगी।” उस दिन मकर राशि में नीच भंग के कारण यह बीमारी प्रभावहीन हो जाएगी। इससे पूर्व 11 मई 2020 को शनिदेव का वक्री होना इसमें सहायक होगा।